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मुजफ्फरनगर में 7 मई 2025 को श्री राम कॉलेज में सायं 4 आयोजित की जाएगी मॉक ड्रिल का आयोजन

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने दिए सभी संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश*

जनपद मुजफ्फरनगर में 7 मई 2025 को श्री राम कॉलेज में सायं 4 आयोजित की जाएगी मॉक ड्रिल का आयोजन
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मुजफ्फरनगर 6 मई 2025 — जनपद मुजफ्फरनगर में आपदा प्रबंधन की तैयारी और समन्वय की स्थिति को परखने के उद्देश्य से 7 मई 2025 को श्री राम कॉलेज में सायं 4 बजे मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस अभ्यास की तैयारियों की समीक्षा हेतु आज विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी श्री उमेश मिश्रा द्वारा मुख चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिकाओं, फायर ब्रिगेडियर विभाग, सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बैठक में माॅक ड्रिल किए जाने की तैयारियों की कार्ययोजना के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश ।मॉक ड्रिल श्री राम कॉलेज के साथ साथ जनपद के समस्त ब्लॉक, तहसील, ग्राम पंचायतों, नगर निकायों, सायरन के माध्यम से एलान किया जाएगा कि ड्रिल प्रारंभ हो गई है। इस सायरन के साथ ही ब्लैक आउट लागू हो जाएगा, जो कि एक सिमुलेटेड हवाई हमले से बचाव की स्थिति को दर्शाएगा।सायरन का उद्देश्य नागरिकों को सतर्क करना है कि वे तत्काल सभी प्रकार के विद्युत स्रोत—जैसे घर की लाइट, इनवर्टर, जनरेटर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें, जिससे कि पूर्ण अंधकार सुनिश्चित हो सके और शत्रु के हवाई हमले की स्थिति में पहचान न की जा सके। इस दौरान आमजन को सड़क पर चलते समय अपने वाहन को तुरंत किनारे लगाकर बंद कर देना चाहिए तथा घर में रहते हुए सभी प्रकार की रोशनी बंद रखनी चाहिए।

ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का उद्देश्य जनपद में आपदा प्रबंधन के विभिन्न घटकों के बीच समन्वय की समीक्षा करना है। यह ड्रिल एक नियोजित आपातकालीन अभ्यास है जिसमें सभी विभागों, जनपद स्तरीय अधिकारियों, ब्लॉक एवं नगर स्तर के अधिकारीगण, आपदा प्रबंधन,एन एसएस,इकाइयाँ, नेहरू युवा केंद्र, एनसीसी, पुलिस विभाग सहित अन्य स्वयंसेवी संस्था,एजेंसियाँ सक्रिय रूप से सम्मिलित होंगी।

इस अभ्यास के दौरान तीन प्रकार के एयर रेड सायरनों का प्रयोग किया जाएगा जिसमें प्रथम सायरन—तीन मिनट तक चलेगा जिसमें आवाज़ ऊँची और नीची होती रहेगी, जिससे नागरिकों को सचेत होकर सुरक्षित स्थान पर जाने का संकेत मिलेगा। द्वितीय सायरन—लगातार बजेगा, जो संकेत देगा कि खतरा टल गया है और स्थिति सामान्य हो रही है। तृतीय सायरन — इसका उपयोग तब किया जाएगा जब खतरे का स्तर अत्यधिक बढ़ जाए और दुश्मन नज़दीक पहुंच चुका हो। यह सायरन चेतावनी का सर्वोच्च स्तर दर्शाएगा।प्रशासन द्वारा दो कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं—मुख्य कंट्रोल रूम कलेक्ट्रेट में तथा द्वितीय कंट्रोल रूम पुलिस लाइन में। इसके अतिरिक्त, खोज एवं बचाव अभियान का संचालन में किया जाएगा, जहाँ से रेस्क्यू किए गए लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा जाएगा।जनसामान्य से अपील की जाती है कि इस मॉक ड्रिल के दौरान पूर्ण सहयोग प्रदान करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। यह अभ्यास केवल सुरक्षा एवं आपदा से निपटने की तैयारियों की जांच हेतु किया जा रहा है, ना कि किसी वास्तविक संकट की स्थिति में। अधिक जानकारी के लिए जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम से संपर्क किया जा सकता है।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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